Shrimad Bhagwat Geeta PDF In Hindi | सम्पूर्ण श्रीमद्‍भगवद्‍गीता सरल भाषा में जाने

Shrimad Bhagwat Geeta PDF In Hindi | सम्पूर्ण श्रीमद्‍भगवद्‍गीता सरल भाषा में जाने: श्रीमद्भगवद्‌गीता हिन्दुओं के पवित्रतम ग्रन्थों में से एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। महाभारत के अनुसार कुरुक्षेत्र युद्ध में भगवान श्री कृष्ण ने गीता का सन्देश अर्जुन को सुनाया था। यह महाभारत के भीष्मपर्व के अन्तर्गत दिया गया एक उपनिषद् है। भगवत गीता में एकेश्वरवाद, कर्म योग, ज्ञानयोग, भक्ति योग की बहुत सुन्दर ढंग से चर्चा हुई है।सम्पूर्ण श्रीमद्‍भगवद्‍गीता सरल भाषा पीडीऍफ़ के रूप में प्रकाशित करेंगे, इस प्रयास के तहत हम सभी 18 अध्यायों और उनके सभी श्लोकों का सरल अनुवाद हिंदी में प्रकाशित करेंगे।

Shrimad Bhagwat Geeta PDF In Hindi

श्रीमद्भगवद्‌गीता की पृष्ठभूमि महाभारत का युद्ध है। जिस प्रकार एक सामान्य मनुष्य अपने जीवन की समस्याओं में उलझकर किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता है और जीवन की समस्यायों से लड़ने की बजाय उससे भागने का मन बना लेता है उसी प्रकार अर्जुन जो महाभारत के महानायक थे, अपने सामने आने वाली समस्याओं से भयभीत होकर जीवन और क्षत्रिय धर्म से निराश हो गए थे, अर्जुन की तरह ही हम सभी कभी-कभी अनिश्चय की स्थिति में या तो हताश हो जाते हैं और या फिर अपनी समस्याओं से विचलित होकर भाग खड़े होते हैं।

भारत वर्ष के ऋषियों ने गहन विचार के पश्चात जिस ज्ञान को आत्मसात किया उसे उन्होंने वेदों का नाम दिया। इन्हीं वेदों का अंतिम भाग उपनिषद कहलाता है। मानव जीवन की विशेषता मानव को प्राप्त बौद्धिक शक्ति है और उपनिषदों में निहित ज्ञान मानव की बौद्धिकता की उच्चतम अवस्था तो है ही, अपितु बुद्धि की सीमाओं के परे मनुष्य क्या अनुभव कर सकता है उसकी एक झलक भी दिखा देता है।

श्रीमद्भगवद्गीता वर्तमान में धर्म से ज्यादा जीवन के प्रति अपने दार्शनिक दृष्टिकोण को लेकर भारत में ही नहीं विदेशों में भी लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रही है। निष्काम कर्म का गीता का संदेश प्रबंधन गुरुओं को भी लुभा रहा है। विश्व के सभी धर्मों की सबसे प्रसिद्ध पुस्तकों में शामिल है। गीता प्रेस गोरखपुर जैसी धार्मिक साहित्य की पुस्तकों को काफी कम मूल्य पर उपलब्ध कराने वाले प्रकाशन ने भी कई आकार में अर्थ और भाष्य के साथ श्रीमद्भगवद्गीता के प्रकाशन द्वारा इसे आम जनता तक पहुंचाने में काफी योगदान दिया है।

नीचे दिए गए टेबल में हर अध्याय और उसमे उल्लेखित विशेषताओं का पीडीऍफ़ लिंक दिया गया है जिसे आप क्लिक करके पढ़ सकते हैं:

अध्याय एक — अर्जुनविषादयोग ~ कुरुक्षेत्र के युद्ध में सैन्यनिरीक्षण
अध्याय दो — सांख्ययोग ~ गीता का सार
अध्याय तीन — कर्मयोग ~ कर्म योग
अध्याय चार — ज्ञानकर्मसंन्यासयोग ~ दिव्य ज्ञान
अध्याय पाँच — कर्मसंन्यासयोग ~ कर्मयोग- कृष्णभावनाभावित कर्म
छठा अध्याय — आत्मसंयमयोग ~ ध्यानयोग
सातवाँ अध्याय — ज्ञानविज्ञानयोग- भगवद्ज्ञान
आठवाँ अध्याय — अक्षरब्रह्मयोग- भगवत्प्राप्ति
नौवाँ अध्याय — राजविद्याराजगुह्ययोग- परम गुह्य ज्ञान
दसवाँ अध्याय — विभूतियोग- श्रीभगवान् का ऐश्वर्य
ग्यारहवाँ अध्याय — विश्वरूपदर्शनयोग- विराट रूप
बारहवाँ अध्याय — भक्तियोग- भक्तियोग
तेरहवाँ अध्याय — क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग- प्रकृति, पुरुष और चेतना
चौदहवाँ अध्याय — गुणत्रयविभागयोग- प्रकृति के तीन गुण
पंद्रहवाँ अध्याय — पुरुषोत्तमयोग- पुरुषोत्तमयोग
सोलहवाँ अध्याय — दैवासुरसम्पद्विभागयोग- दैवी और आसुरी का स्वभाव
सत्रहवाँ अध्याय — श्रद्धात्रयविभागयोग- श्रद्धा के विभाग
अठारहवाँ अध्याय — मोक्षसंन्यासयोग- संन्यास की सिद्धि

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